निमाड़ का पर्व _"सत्तू अमावस्या"
भारत के ग्रामीण अंचलो में बैसाख की तपती अमावस्या में जब चंद्रमा भी अपनी शीतलता खो देता है और ग्रीष्म अपने पुरे चरम पर होती है तब आता है ये लोक पर्व जिसे सतवाई अमावस्या भी कहा जाता है, आश्चर्य होगा ना! है तो है ? तो क्या?....
तो यही है हमारे आज के चिंतन का विषय कि क्या हम अपने लोक पर्वो के वैज्ञानिक महत्त्व को जान सके है या बढ़ती आधुनिकता से हम इतना प्रभवित हो गए है की ये सब हमें फालतू की बाते लगती है।
हम कोल्ड ड्रिंक आइसक्रीम जैसे पेय पदार्थो का उपयोग करते है पर इमली ,आम के पने, निम्बू शरबत को भूल जाते है। जबकि सत्तू जैसे पदार्थो में शरीर की गर्मी को कम करने के पुरे गुण होते है जो ग्रीष्म ऋतु में पानी की कमी को पूरा करती है नकसीर,आँखों की जलन आदि बीमारियो से बचाती है व शारीर को निरोगी बनाती है।
सतवाई अमावस्या पर प्रतिदिन सत्तू खाने की शुरुवात होती है तो सत्तू बनाइये खाइये और खिलाइये ......
बनाने की सामग्री-भुने हुए गेहूं,भुने हुए चने ,गुड़/शक्कर और घोलने के लिए पानी।
बनाने कि विधि-सभी सामग्री को सामान मात्रा में लेकर पीस ले व् पानी में घोल ले मीठा अपनी इच्छानुसार रखे।
आप सभी को सत्तू अमावस्या की और सत्तू खाने की ढेर सारी बधाई ।
भारत के ग्रामीण अंचलो में बैसाख की तपती अमावस्या में जब चंद्रमा भी अपनी शीतलता खो देता है और ग्रीष्म अपने पुरे चरम पर होती है तब आता है ये लोक पर्व जिसे सतवाई अमावस्या भी कहा जाता है, आश्चर्य होगा ना! है तो है ? तो क्या?....
तो यही है हमारे आज के चिंतन का विषय कि क्या हम अपने लोक पर्वो के वैज्ञानिक महत्त्व को जान सके है या बढ़ती आधुनिकता से हम इतना प्रभवित हो गए है की ये सब हमें फालतू की बाते लगती है।
हम कोल्ड ड्रिंक आइसक्रीम जैसे पेय पदार्थो का उपयोग करते है पर इमली ,आम के पने, निम्बू शरबत को भूल जाते है। जबकि सत्तू जैसे पदार्थो में शरीर की गर्मी को कम करने के पुरे गुण होते है जो ग्रीष्म ऋतु में पानी की कमी को पूरा करती है नकसीर,आँखों की जलन आदि बीमारियो से बचाती है व शारीर को निरोगी बनाती है।
सतवाई अमावस्या पर प्रतिदिन सत्तू खाने की शुरुवात होती है तो सत्तू बनाइये खाइये और खिलाइये ......
बनाने की सामग्री-भुने हुए गेहूं,भुने हुए चने ,गुड़/शक्कर और घोलने के लिए पानी।
बनाने कि विधि-सभी सामग्री को सामान मात्रा में लेकर पीस ले व् पानी में घोल ले मीठा अपनी इच्छानुसार रखे।
आप सभी को सत्तू अमावस्या की और सत्तू खाने की ढेर सारी बधाई ।
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