शुक्रवार, 31 दिसंबर 2021

ठंड का दिन

ठंडी लाग् रातड़ी दुई गोदड़ी की दूण
मीठी-मीठी  राबड़ी  घीव मs लपट्या प्राण।
दादा बैठ्या तापणी दुई लक्कड़ की गौड़,
चूल्हा ऊपर चासणी दूध -जलेबी जोड़।
दांड़या धाणी लापसी मण भेळी को गुड़
  लिम्बु बोर  इमली चटनी चाटो लूण।
 मिरी मस्की तेल मs लई  कांदा की फांक
 मका- ज्वार का रोटळा भाजी अम्माडी रांद ।
मगरा उप्पर कागलो आया दुई मीमांन,
हऊ भी भुको नी रवु तू क्यों भुको जाय।
राम को देणु राम को खाणु फिर केको  गुम्मान ,
 हऊ छे थारो मेजबान तू म्हारो मीमांन।
-सुनीता इंदौर

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