#WorldWaterDay #poems #Nimadi #nimadidilect
निमाड़ में आज -समूचे विश्व की तरह निमाड़ भी आज जल दिवस मना रहा है।
इसी विषय पर कविता-
पाणी रे पाणी थारा रुप छे अनेक,
थारा बिना जिनगी नी,
अमरीत नाव कवाणयो।
माटी मs पड्यो ,खेत मs वायो,
भूखा की
भूख खs असो भगाड्यो।
कुआ म गिरयो,नद्दी म वयो,
तिस्या की
तीस खs झट से पियो।
डोळा मs छुप्यो ,आँसू गिरयो,
दुखिया की
पीर खs पल मs हरयो।
मनुस का
मुंडा दुई बून्द पाणी
सरग को द्वार खोलड़्यो।
मिनत मs मिली,
पसीना मs झररयो
कर्म को रस्तो बतायो।
पाणी रे पाणी थारा रुप छे अनेक,
थारा बिना जिनगी नी,
अमरीत नाव कवाणयो।©सुनीता
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